Main Rahun Ya Naa Rahun
>> Saturday, April 4, 2009
मैं रहूँ या ना रहूँ,
कुछ निशानी रह जाएगी..
मेरे दर्द से भीगी हुई,
मेरी कहानी रह जाएगी..
जो बोल दूँ सब आज मैं तो,
हाल-ए-दिल सुनेगा कौन..
मेरी मौत कल मगर यह,
बात पुरानी कह जाएगी..
तानाकशी ना सह सकेंगे,
मर जायेंगे हम ए सनम..
इल्ज़ाम लाख देना हमें फिर,
रूह तो सब सह जाएगी..
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Main rahun ya naa rahun,
Kuch nishaani reh jaayegi..
Mere dard se bheegi hui,
Meri kahaani reh jaayegi..
Jo Bol duun sab aaj main to,
Haal-e-dil sunega kaun..
Meri maut kal magar yeh,
Baat puraani keh jaayegi..
Taanakashi naa seh sakeinge,
Mar jaayeinge ham E Sanam..
Ilzaam laakh dena hamein phir,
Rooh to sab seh jaayegi..
15 comments:
बहुत उम्दा!
बहुत सुंदर ...
Khoob Soorat
Badhaiyaan
लाजवाब लिखा है आपने ...दिल की बात है
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
bahut sundar abhivayakti hai.....
Iljaam lakh dena hume fir,rooh to sab seh jayegi...
Dil ki baat hai.....achchi hai lekin depressing hai....think positive.... Mai rahun ya na rahun ,Kuch nishani reh jayegi....Ishvar se prarthna hai aap shatayu ho....
Regards....
बात पुरानी कह जाएगी.
very nice... Keep it up...
Rgds,
Very nice....
छमा करें पर आप की उम्र का अंदाजा ही लगता रह गया । अभी तक तो पता नही चला ।
आप की फोटो अच्छी है ब्लॉग भी अच्छा है .......पर आप कौन हैं .......अरे ग़लत मत समझिये आप की उम्र का अंदाजा केवल इस लिए लगा रहा था की मैं ये जानना चाहता था की मैं किस उम्र में जा कर आप के जितना अच्छा लिख पाऊँगा
बहुत अच्छा और दिल की गहराई से लिखा है आपने !
मैं सोचती थी की शायद मैं इस दुनिया मैं अकेली ही ऐसी हूँ ,जो अपने दिल से बातें करती है और
जीवन के अर्थ को समझने की कोशिश कर रही है !!
लेकिन आपके ब्लॉग पदने के बाद ,लगा की इस संसार मैं मेरी तरह ही और लोग हैं जो शायद वाकई में
जीवन को कुछ अलग नज़रिए से देखते हैं !
आप जैसा तो नहीं लिख पाती हूँ ,लेकिन हाँ आपकी तरह ही दिल से लिखती हूँ ,अपने जीवन को शब्दों में उतारने की
एक कोशिश कर रही हूँ ,
आपसे निवेदन है की एक बार मेरी कोशिश पे अपनी राय या शुझाव दे !
पंखुडी
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ब्लॉग-पंखुडी मेरे शब्द
वेब- साईट-पंखुडी मेरे शब्द
Sach to ye hai ki koi ruhon ko tanne nahi deta.....
Bahut achchhi lagi aapki kavita,
Navnit Nirav
लाजवाब.....
shikha ji aapki kavitae padhkar main aapse aik guzarush kar raha hun k aapmere blog k lie prerna se bhari koi kavita bheje.
www.salaamzindadili.blogspot.com
Bahut Bahut Khoob Shikha..
Too Good!!!!
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